प्रार्थना (Prarthana) एक आध्यात्मिक अभ्यास है, जिसमें व्यक्ति अपने मन और आत्मा को परमात्मा या उच्चतम तत्व के साथ जोड़ने का प्रयास करता है। यह एक धार्मिक अभ्यास हो सकता है, जो विभिन्न धर्मों और शिक्षाओं में समायोजित होता है। प्रार्थना ध्यान, भक्ति, धार्मिक आचार, और आध्यात्मिकता के माध्यम से अपने मार्ग को अनुसरण करती है।
प्रार्थना का उद्देश्य व्यक्ति को शांति, स्थिरता, और ध्यान में ले जाना होता है। यह एक संवेदनशील अनुभव होता है, जिसमें व्यक्ति अपने मन और आत्मा को दिव्यता के साथ जोड़ता है और ईश्वर या परमात्मा के साथ संवाद करता है।
ध्यान देने वाला प्रार्थना धार्मिक अभ्यास के साथ-साथ ध्यान में रहने और सकारात्मकता को बढ़ाने का एक अच्छा माध्यम होता है। यह अलग-अलग धर्मों और आचारों में विभिन्न रूपों में किया जा सकता है।
प्रार्थना - सच्चा तू करतार है, सबका पालनहार है
प्रार्थना - चरणों मे ध्यान लगाएं रखन, भगवान मिलेंगे कभी न कभी
प्रार्थना - हे शारदे माँ | He sharde maa
प्रार्थना - तुम्ही हो माता पिता तुम्हीं हो - Tumhi ho mata pita tumhi ho
प्रार्थना - दया कर दान भक्ति का हमे परमात्मा देना | Daya kar daan bhakti ka
प्रार्थना - तू ही राम है, तू रहीम है प्रार्थना
प्रार्थना - मिलता है सच्चा सुख केवल भगवान तुम्हारे चरणों में
प्रार्थना - माँ सरस्वती तेरे चरणों में, हम शीश झुकाने आयें है
प्रार्थना - हँस वाहिनी ऐसा वर दो
प्रार्थना - जयति जय जय माँ सरस्वती
प्रार्थना - हे हँस वाहिनी माँ, हम शरण में आये हैं
प्रार्थना - हे स्वर की देवी माँ वाणी में मधुरता दो
प्रार्थना - या कुन्देन्दुतुषारहारधवला - सरस्वती वंदना - Ya kundendu tushar har dhavala
प्रार्थना - माँ सरस्वती वरदान दो | Maa saraswati vardaan do
प्रार्थना - सुबह सवेरे लेकर तेरा नाम प्रभु - Subah sawere le ke tera naaam prabhu
प्रार्थना - इतनी शक्ति हमें देना दाता - Etni shakti hame dena data
प्रार्थना - हमको मन की शक्ति देना - Humko man ki shakti dena
प्रार्थना - ऐ मालिक तेरे बंदे हम - E malik tere bande hum
प्रतिज्ञा - भारत मेरा देश है। | school pratigya Bharat mera desh hai
टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें