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बच्चों के लिए हिन्दी कविताएँ

अगर आप छोटे बच्चों के लिए हिन्दी कविताएँ तलाश कर रहे है तो यहाँ पर आपके और आपके बच्चों के लिए बुत सारी प्यारी, मनोरंजक और ज्ञानवर्द्धक कविताएँ उपलब्ध है : -


टॉप 10 कविताएँ - कविताएं बच्चों के लिए | Top 10 कविताएं बच्चों के लिए


11. जिसने सूरज चाँद बनाया -

जिसने सूरज चाँद बनाया

जिसने तारों को चमकाया 

जिसने फूलों को महकाया 

जिसने चिड़ियों को चहकाया 

जिसने सारा जगत बनाया 

हम उस ईश्वर के गुण गाएँ । 

उसे प्रेम से शीश झुकाएँ ।।


12. सोने की चिड़िया -

सोने की चिड़िया, सोने के पर, 

चिड़िया उड़ गई, फर फर-फर। 

मोती का दाना लाई चिड़िया, 

मेरी गोद में आई चिड़िया । 

हम दोनों मिलकर गाएँगे, 

नील गगन में उड़ जाएँगे।


13. सड़क - 

लम्बी-चौड़ी सड़क चली। 

दिखती है यह बड़ी भली ।। 

इस पर मोटर दौड़ी जाती।

पौं- पौं करती, शोर मचाती।।

बीच सड़क कभी मत चलना । 

चोट खाओगे, नहीं तो वरना ।।

पैदल पारपथ से जाना। 

सड़क के नियमों को निभाना ।।


14. पानी बरसा

पानी बरसा छम-छम-छम, 

छाता लेकर निकले हम। 

पैर फिसल गया गिर गए हम, 

नीचे छाता ऊपर हम।


15. हाथी

हाथी राजा सबको भाते, 

बस गन्ने और केले खाते। 

रोज नदी के तट पर जाते, 

पानी से फिर खूब नहाते ।


16. मेरा घर-

सुंदर प्यारा मेरा घर, 

सबसे न्यारा मेरा घर । 

सर्दी, गरमी, वर्षा से, 

कभी न हारा मेरा घर ।


17. गाजर और टमाटर -

बच्चो खाओ कच्ची गाजर, 

नींबू, खीरा और टमाटर । 

लाल-लाल तुम बन जाओगे, 

सुंदर बच्चे कहलाओगे।


18. खरगोश-

खरगोश बाग में रहता है,

गाजर मूली खाता है,

सबके मन को भाता है,

लंबी दौड़ लगता है।।


नन्हा छोटा-सा खरगोश, 

इसमें भरा बहुत ही जोश। 

सरपट दौड़ लगाता है, 

हाथ कभी न आता है।


19. बंदर मामा

बंदर मामा पहन पजामा, 

ठुमक ठुमक ससुराल चले। 

सिर पर टोपी गले में माला, 

हाथ में ले रूमाल चले।


20. वृक्ष लगाओ

फल-फूलों के वृक्ष लगाओ, 

पाल-पोसकर इन्हें बढ़ाओ। 

पत्ते, फूल न कुछ भी तोड़ो, 

देखभाल में कमी न छोड़ो।


21. कार

लाल रंग की मेरी कार, 

दो सीटें हैं, पहिये चार ।

बैठा जिसमें एक सवार, 

हॉर्न बजाए सौ-सौ बार ।


22. आलू कचालू बेटा कहाँ गए थे?

आलू कचालू बेटा कहाँ गए थे?.

बन्दर की झोपड़ी में सो रहे थे। 

बन्दर ने लात मारी रो रहे थे. 

मम्मी ने प्यार किया हंस रहे थे। 

पापा ने पैसे दिए नाच रहे थे. 

भैया ने लड्डू दिए खा रहे थे।


23. मेरा घर

मुझको लगता प्यारा घर,

सबसे न्यारा मेरा घर । 

धूप ठंड और वर्षा से, 

मुझे बचाता मेरा घर । 

नाना-नानी के घर से, 

प्यारा मुझे है मेरा घर ।


24. अच्छे-बच्चे

क्यों रूठी हो बिटिया रानी? 

खा लो खाना, पी लो पानी । 

अच्छे बच्चे जिद नहीं करते, 

बात मान लो बिटिया रानी ॥


25. दुनिया

चल आज दिखा दें तुमको मुनिया, 

गोल-गोल अपनी यह दुनिया । 

इधर-उधर बहते हैं सागर, 

कहीं बिछी है हरी-सी चादर । 

ऊँचे पर्वत गगन को चूमे, 

रेगिस्तान हैं रहते सूने। 

पहने अलग-अलग से वेश, 

हम सब रहते देश-विदेश।।


26. जिसने सूरज चाँद बनाया

जिसने सूरज चाँद बनाया 

जिसने तारों को चमकाया 

जिसने फूलों को महकाया 

जिसने चिड़ियों को चहकाया 

जिसने सारा जगत बनाया 

हम उस ईश्वर के गुण गायें । 

उसे प्रेम से शीश नवाए।।


27. मोटूराम

चले सैर को मोटूराम, 

देखा एक लटकता आम । 

झटपट चढ़ने लगे पेड़ पर, 

लगा ततैया, गिरे धड़ाम ।।


28. सेब

सभी फलों में न्यारा सेब, 

लाल-लाल सा प्यारा सेब । 

एक सेब जो हर दिन खाता, 

डॉक्टर को वह दूर भगाता ।

मम्मी मुझको सेब दिला दो, 

या फिर एप्पल जूस पिला दो।।


29. रेनी डे

बिजली कड़की गरजे बादल, 

देख के हम तो हो गए पागल । 

आज स्कूल नहीं जाएँगे, 

आलू के पकौड़े खाएँगे। 

बारिश में नहाएँगे, 

रेनी डे मनाएँगे।


30. काले-काले बादल

काले-काले बादल छाये, 

इधर-उधर से घिरकर आये। 

बिजली चम चम चमक रही है, 

मेघों में वह दमक रही है। 

गड़गड़-तड़तड़ गरजे बादल, 

छम-छम-छम छम बरसे बादल ।


31. छुक-छुक करती गाड़ी आई

छुक-छुक करती गाड़ी आई। 

आगे से हट जाना भाई। 

काला काला धुआं उड़ाती, 

फक फक करके शोर मचाती। 

गाड़ी आई. गाड़ी आई, 

आगे से हट जाना भाई।


32. क्रिकेट

पाँव में जूता, सिर पर हैट, 

हाथी लेकर निकला बैट 

बड़े पेड़ को विकेट बनाया, 

फिर क्रिकेट का खेल जमाया। 

चौके-छक्के खूब लगाए, 

लगातार दो शतक बनाए।


33. परियों वाला देश

चलो बनाकर वेश चलें, परियों वाले देश चलें। 

जहाँ खिलाने सस्ते हों, हल्के-फुल्के बस्ते हो 

जहाँ नहीं महंगाई हो, सस्ती खूब मिठाई हो। 

चलो बनाकर देश चलें, परियों वाले देश चलें।


34. बंदर चला स्कूल

बंदर पढ़ने चला स्कूल, 

बैग गया ले जाना भूल । 

टीचर बोला मंकी फूल, 

बैग कहाँ पर आया भूल। 

सॉरी कहकर वापस आया, 

आकर अपना बैग उठाया।


35. पतंग

सर सर सर सर उड़ी पतंग, 

फर-फर फर-फर उड़ी पतंग। 

इसको काटा, उसको काटा, 

खूब लगाया सैर सपाटा । 

अब लड़ने में जुटी पतंग, 

अरे कट गई, लुटी पतंग ! 

सर सर सर सर उड़ी पतंग, 

फर-फर फर-फर उड़ी पतंग। - सोहन लाल द्विवेदी


36. काला काला बादल (आ की मात्रा)

काला काला बादल आया,

राजा भागा छाता लाया।

भाग-भाग कर नाच नचाया,

छम-छम छम-छम मन बहलाया।

लाल टमाटर, लाल अनार,

लाल गाजर का हलवा लाल

हलवा खाकर, जा बाजार, 

बाजार जाकर, ला अचार।

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