सीधे मुख्य सामग्री पर जाएं

तृप्ति डिमरी की जीवनी - Tripti dimri ki jivni in Hindi

तृप्ति डिमरी ने अपने फिल्मी करियर में अपनी पहचान बनाने के लिए कई संघर्ष किए हैं। उनकी खासियत है कि वे प्रामाणिक और भावनात्मक रूप से गहरी भूमिकाओं को प्राथमिकता देती हैं। यहां उनकी जीवनी के कुछ और पहलू दिए गए हैं।



प्रारंभिक जीवन

तृप्ति का जन्म 23 फरवरी 1994 को हुआ। उनका परिवार उत्तराखंड से है, लेकिन उनका पालन-पोषण दिल्ली में हुआ। बचपन से ही उन्हें अभिनय और कला के प्रति रुचि थी। वे न केवल पढ़ाई में बल्कि सह-पाठयक्रम गतिविधियों में भी सक्रिय थीं।

करियर की शुरुआत

पोस्टर बॉयज (2017): इस फिल्म में तृप्ति का किरदार छोटा था, लेकिन उन्होंने अपने अभिनय कौशल से ध्यान आकर्षित किया।


लैला मजनू (2018): इम्तियाज अली द्वारा प्रस्तुत इस फिल्म में तृप्ति ने लैला का किरदार निभाया। उनकी मासूमियत और गहराई से भरी अदाकारी ने दर्शकों का दिल जीत लिया।

बुलबुल (2020): नेटफ्लिक्स की इस फिल्म ने तृप्ति के करियर को नई ऊंचाइयों पर पहुंचा दिया। इसमें उन्होंने एक रहस्यमय और सशक्त महिला का किरदार निभाया।

प्रसिद्धि और प्रशंसा

तृप्ति को उनकी फिल्मों के लिए कई पुरस्कार और सम्मान मिले हैं।

फिल्मफेयर ओटीटी अवार्ड: बुलबुल में उनके प्रदर्शन के लिए।


क्रिटिक्स अवार्ड्स: कला (2022) में उनकी भूमिका के लिए।

अन्य रुचियां और जीवनशैली

तृप्ति को यात्रा करना, संगीत सुनना और पेंटिंग करना पसंद है। वे सोशल मीडिया पर सक्रिय हैं और अपने प्रशंसकों के साथ अपनी जिंदगी के खास पलों को साझा करती हैं।

प्रमुख फिल्में

1. कला (2022): यह फिल्म मातृ-पुत्र के जटिल संबंधों पर आधारित थी।


2. एनिमल (2023): रणबीर कपूर के साथ इस बड़े बजट की फिल्म ने उन्हें और प्रसिद्धि दिलाई।

व्यक्तिगत जीवन

तृप्ति ने हमेशा अपने निजी जीवन को मीडिया से दूर रखा है। वे अपने करियर पर फोकस करना पसंद करती हैं और उनके बारे में अफवाहें कम ही सुनने को मिलती हैं।

भविष्य की योजनाएं

तृप्ति अब कई नई परियोजनाओं पर काम कर रही हैं, जिनमें वे चुनौतीपूर्ण और विविधतापूर्ण भूमिकाएं निभाने की उम्मीद कर रही हैं।


तृप्ति डिमरी भारतीय सिनेमा में एक उभरता सितारा हैं, जिन्होंने अपने अभिनय से साबित कर दिया है कि समर्पण और प्रतिभा से कोई भी ऊंचाई हासिल की जा सकती है।

तृप्ति डिमरी के बारे में 10 मजेदार तथ्य:

1. उत्तराखंड की बेटी: तृप्ति का जन्म उत्तराखंड में हुआ, लेकिन उनका पालन-पोषण दिल्ली में हुआ। वे पहाड़ी संस्कृति से गहराई से जुड़ी हैं।

2. कला में रुचि: तृप्ति को अभिनय के अलावा चित्रकारी और लेखन में भी दिलचस्पी है। खाली समय में वे पेंटिंग बनाना पसंद करती हैं।

3. पहली भूमिका: उन्होंने अपने फिल्मी करियर की शुरुआत 2017 की फिल्म पोस्टर बॉयज से की, जिसमें श्रेयस तलपड़े के साथ स्क्रीन शेयर किया।

4. 'लैला मजनू' का स्टारडम: लैला मजनू में लैला का किरदार निभाने के बाद, तृप्ति को "बॉलीवुड की नई लैला" कहा जाने लगा।

5. बुलबुल से नई पहचान: नेटफ्लिक्स की फिल्म बुलबुल में तृप्ति के प्रदर्शन को दर्शकों और आलोचकों से खूब सराहना मिली।

6. फिटनेस फ्रीक: तृप्ति नियमित योग और जिम सेशन करती हैं। वे फिटनेस को लेकर बहुत अनुशासित हैं।

7. 'कला' में सिंगिंग स्किल: कला में गायिका की भूमिका निभाने के लिए तृप्ति ने गायन का भी प्रशिक्षण लिया।

8. प्रकृति प्रेमी: उन्हें पहाड़ों और शांत जगहों पर समय बिताना बहुत पसंद है। अक्सर वे अपने गृहनगर का दौरा करती रहती हैं।

9. रणबीर कपूर की फैन: तृप्ति खुद को रणबीर कपूर की बड़ी फैन मानती हैं। उनके साथ एनिमल में काम करना उनके लिए सपना पूरा होने जैसा था।

10. सादगी की मिसाल: ग्लैमर की दुनिया में होने के बावजूद, तृप्ति अपनी सादगी और विनम्र स्वभाव के लिए जानी जाती हैं।

ये मजेदार तथ्य तृप्ति डिमरी के व्यक्तित्व और उनके सफर की झलक देते हैं, जो उन्हें खास बनाते हैं।
















































टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

रश्मिरथी - वर्षों तक वन में घूम-घूम कविता - रामधारी सिंह दिनकर

वर्षों तक वन में घूम-घूम, बाधा-विघ्नों को चूम-चूम,   सह धूप-घाम, पानी-पत्थर, पांडव आये कुछ और निखर। सौभाग्य न सब दिन सोता है, देखें, आगे क्या होता है। मैत्री की राह बताने को, सबको सुमार्ग पर लाने को, दुर्योधन को समझाने को, भीषण विध्वंस बचाने को, भगवान् हस्तिनापुर आये, पांडव का संदेशा लाये। 'दो न्याय अगर तो आधा दो, पर, इसमें भी यदि बाधा हो, तो दे दो केवल पाँच ग्राम, रक्खो अपनी धरती तमाम। हम वहीं खुशी से खायेंगे, परिजन पर असि न उठायेंगे! दुर्योधन वह भी दे ना सका, आशिष समाज की ले न सका, उलटे, हरि को बाँधने चला, जो था असाध्य, साधने चला। जब नाश मनुज पर छाता है, पहले विवेक मर जाता है। हरि ने भीषण हुंकार किया, अपना स्वरूप-विस्तार किया, डगमग-डगमग दिग्गज डोले, भगवान् कुपित होकर बोले- 'जंजीर बढ़ा कर साध मुझे, हाँ, हाँ दुर्योधन! बाँध मुझे। यह देख, गगन मुझमें लय है, यह देख, पवन मुझमें लय है, मुझमें विलीन झंकार सकल, मुझमें लय है संसार सकल। अमरत्व फूलता है मुझमें, संहार झूलता है मुझमें। 'उदयाचल मेरा दीप्त भाल, भूमंडल वक्षस्थल विशाल, भुज परिधि-बन्ध को घेरे हैं, मैनाक-मेरु पग मेरे हैं। दिप...

इस होली बस इतना..."मलाल " रह गया...!!! तेरे गाल रह गये कोरे, मेरे हाथों मे गुलाल रह गया…!!! - funny jokes & One liners in hindi #2

  funny jokes & One liners: -  कल शाम को सोचा था, 2 पेग मार के 10 बजे तक घर पहुँच जाऊंगा ये पेग और टाइम कब आपस में बदल गए.. पता ही नहीं चला funny jokes & One liners: -  इस होली बस इतना..."मलाल " रह गया...!!! तेरे गाल रह गये कोरे मेरे हाथों मे गुलाल रह गया…!!!   funny jokes & One liners: -  तू हँस, तू मुस्कुरा और रोना कम कर दे जिंदा हैं तू, जिन्दगी की नाक में दम कर दे। Hindipie.blogspot.com   funny jokes & One liners: -  मेरा एक दोस्त मुझे मैथ्स का खुदा मानता है...... क्योंकि 🤘🏻. एक बार मैने उसे इस तरह समझाया था🤓. एक बार मैने उससे पूछा 2/3 और 3/2 में कौन संख्या अधिक है. वह उत्तर नहीं दे सका.😟. फिर मैंने पूछा दो बोतल में तीन आदमी या तीन बोतल में दो आदमी... किसमें ज्यादा मिलेगा.🤔. उसने सही सही जवाब दे दिया.🍷.😄🤭   funny jokes & One liners: -  मोहल्ले में एक दो भाभी  ऐसी जरूर होती है जो "सबका साथ सबका विकास " पर पूरा ध्यान रखती है 😂😂😂😂😂😂😂  Hindipie.blogspot.com funny jokes & One liners: -  शुक्...