मानव की पूजा कौन करे मानवता पूजी जाती है lyrics - Manav ki pooja koun kare lyrics - सामूहिक गीत
मानव की पूजा कौन करे मानवता पूजी जाती है ।
फुलों की संख्या अगणित है पर अलिदों सब पर जाता है।
वह तो उन पर मण्डराता है जो पुष्प पराग झुकाता है ।
निरस की पुजा कोन करे मधुमयता पुंजी जाती है।
मानव की पुजा.....
जो गहराई में गया नहीं ऊपर ही ऊपर चलता है
मानस परिवर्तन किया नही केवल पैसों पर चलता है
साधक की पुजा कौन करे साधकता पुंजी जाती है
मानव की पुजा....
आकार बहुत सुन्दर पाया आचार न बिल्कुल पाया है
संगीत कहेगा कौन उसे जो बिना कंठ से गाया है
शब्दों की पुजा कौन करे स्वर लहरों पंजी जाती है
मानव की पूजा...
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