सीधे मुख्य सामग्री पर जाएं

अंतरिक्ष यान को स्पेस में ले जाने वाला राकेट कहाँ गायब हो जाता है?

ये तो हम सभी जानते है की किसी भी उपग्रह को अंतरिक्ष में छोड़ने के लिए एक शक्तिशाली राकेट का प्रयोग किया जाता है, लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि अंतरिक्ष यान को स्पेस में ले जाने वाला राकेट कहाँ गायब हो जाता है ? आज के इस आर्टिकल में हम आपको बताने का प्रयास करेंगे कि आखिर इतना बड़ा और शक्तिशाली राकेट कहा चला जाता है ? : - Hindipie.blogspot.com



जब अंतरिक्ष यान एक राकेट द्वारा प्रक्षेपित किया जाता है, तो राकेट का वाहन दो विभाजनों से गुजरता है।

पहले विभाजन को "वानिंग पॉइंट" (Vanishing Point) कहा जाता है। यह उस स्थान को दर्शाता है जहां राकेट का वाहन धीरे-धीरे ध्वंस हो जाता है और नजर से अदृश्य हो जाता है। यह वानिंग पॉइंट अक्सर वायुमंडल के ऊपर होता है, जहां ग्राहक्षेत्र (Atmosphere) अंतिम रूप लेता है और अंतरिक्ष शुरू होता है। इस स्थान पर राकेट के वाहन का बहुत अधिक भार होता है और गति भी बहुत उच्च होती है, जो उसे आगे बढ़ने की क्षमता प्रदान करती है।Hindipie.blogspot.com



दूसरे विभाजन को "आर्बिट" (Orbit) कहा जाता है। जब राकेट का वाहन वानिंग पॉइंट को पार कर जाता है, तो इसे आर्बिट में स्थानांतरित किया जाता है। आर्बिट एक निरंतर पथ होता है, जिसमें यान ग्रह के आसपास घूमता रहता है और अंतरिक्षीय माध्यम (Space Environment) में स्थिर रहता है। Hindipie.blogspot.com

इस प्रक्रिया के दौरान, राकेट के विभिन्न अंग और इंजन प्रतिष्ठान किए जाते हैं ताकि वह अपने यान को निश्चित स्थान पर छोड़ सके और फिर वापस आकर पृथ्वी पर उतर सके। राकेट के अंतरिक्ष मिशन के बाद, राकेट बाहरी रूप से विलीन होता है, और यह धीरे-धीरे पृथ्वी की ग्राविटेशन के प्रभाव से वापस आकर ध्वस्त हो जाता है  और धीरे-धीरे टूट जाता है। इस प्रकार, राकेट अंतरिक्ष यान को सफलतापूर्वक स्पेस में ले जाने के बाद अंततः खो जाता है।



जैसा कि हम सब जानते है कि अंतरिक्ष यान और सेटेलाइट दोनों को ही स्पेस में राकेट के सहारे ही भेजा जाता है .

लेकिन ये राकेट वापस लौटकर कभी भी धरती पर नहीं आता है लेकिन अंतरिक्ष यान वापस लौटकर आ जाता है.

राकेट के अन्दर ईंधन भरा होता है , जो सम्पूर्ण राकेट को पूरी ताकत से अंतरिक्ष की तरफ ले जाता है . Hindipie.blogspot.com



यह ईंधन अलग अलग चेम्बर्स में भरा होता है और ईंधन समाप्त होते ही स्वयं ही राकेट से अलग होते जाता है.

दरअसल मंजिल तक पहुचते पहुँचते राकेट का एक छोटा सा हिस्सा ही बचता है . जब आखिर में सेटेलाइट या स्पेस क्राफ्ट राकेट से अलग हो जाता है तो राकेट का ये आखिरी छोटा हिस्सा अंतरिक्ष का कचरा बन जाता है .

उसके बाद वो वापस गिरते हुए पृथ्वी के गुरुत्वाकर्षण से जलकर नष्ट हो जाता है , इस तरह राकेट पृथ्वी पर्कभी वापस नहीं आता है.

टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

तृप्ति डिमरी की जीवनी - Tripti dimri ki jivni in Hindi

तृप्ति डिमरी ने अपने फिल्मी करियर में अपनी पहचान बनाने के लिए कई संघर्ष किए हैं। उनकी खासियत है कि वे प्रामाणिक और भावनात्मक रूप से गहरी भूमिकाओं को प्राथमिकता देती हैं। यहां उनकी जीवनी के कुछ और पहलू दिए गए हैं। प्रारंभिक जीवन तृप्ति का जन्म 23 फरवरी 1994 को हुआ। उनका परिवार उत्तराखंड से है, लेकिन उनका पालन-पोषण दिल्ली में हुआ। बचपन से ही उन्हें अभिनय और कला के प्रति रुचि थी। वे न केवल पढ़ाई में बल्कि सह-पाठयक्रम गतिविधियों में भी सक्रिय थीं। करियर की शुरुआत पोस्टर बॉयज (2017): इस फिल्म में तृप्ति का किरदार छोटा था, लेकिन उन्होंने अपने अभिनय कौशल से ध्यान आकर्षित किया। लैला मजनू (2018): इम्तियाज अली द्वारा प्रस्तुत इस फिल्म में तृप्ति ने लैला का किरदार निभाया। उनकी मासूमियत और गहराई से भरी अदाकारी ने दर्शकों का दिल जीत लिया। बुलबुल (2020): नेटफ्लिक्स की इस फिल्म ने तृप्ति के करियर को नई ऊंचाइयों पर पहुंचा दिया। इसमें उन्होंने एक रहस्यमय और सशक्त महिला का किरदार निभाया। प्रसिद्धि और प्रशंसा तृप्ति को उनकी फिल्मों के लिए कई पुरस्कार और सम्मान मिले हैं। फिल्मफेयर ...

रश्मिरथी - वर्षों तक वन में घूम-घूम कविता - रामधारी सिंह दिनकर

वर्षों तक वन में घूम-घूम, बाधा-विघ्नों को चूम-चूम,   सह धूप-घाम, पानी-पत्थर, पांडव आये कुछ और निखर। सौभाग्य न सब दिन सोता है, देखें, आगे क्या होता है। मैत्री की राह बताने को, सबको सुमार्ग पर लाने को, दुर्योधन को समझाने को, भीषण विध्वंस बचाने को, भगवान् हस्तिनापुर आये, पांडव का संदेशा लाये। 'दो न्याय अगर तो आधा दो, पर, इसमें भी यदि बाधा हो, तो दे दो केवल पाँच ग्राम, रक्खो अपनी धरती तमाम। हम वहीं खुशी से खायेंगे, परिजन पर असि न उठायेंगे! दुर्योधन वह भी दे ना सका, आशिष समाज की ले न सका, उलटे, हरि को बाँधने चला, जो था असाध्य, साधने चला। जब नाश मनुज पर छाता है, पहले विवेक मर जाता है। हरि ने भीषण हुंकार किया, अपना स्वरूप-विस्तार किया, डगमग-डगमग दिग्गज डोले, भगवान् कुपित होकर बोले- 'जंजीर बढ़ा कर साध मुझे, हाँ, हाँ दुर्योधन! बाँध मुझे। यह देख, गगन मुझमें लय है, यह देख, पवन मुझमें लय है, मुझमें विलीन झंकार सकल, मुझमें लय है संसार सकल। अमरत्व फूलता है मुझमें, संहार झूलता है मुझमें। 'उदयाचल मेरा दीप्त भाल, भूमंडल वक्षस्थल विशाल, भुज परिधि-बन्ध को घेरे हैं, मैनाक-मेरु पग मेरे हैं। दिप...

Hindi jokes new - Hindi chutkule aur One liner 2024

  Hindi jokes new - आजकल लोग बेहद स्वार्थी हो गए हैं। पेन मांगों तो ढक्कन निकल के देते हैं,  अब मेरे पास 38 पेन है बिना ढक्कन के। ****** Hindi jokes new  -  मैटर होने से पहले ही, मैटर सॉल्व किये बैठे हैं,  होशियार लोग हैं वो... जो अपने ही कास्ट में प्यार किये बैठे हैं! ***** Hindi jokes new  -  काश मैं spiderman होता , तो उसको अपने जाल में फ़ांस लेता ****** Hindi jokes new  -  घोड़े और नौजवान युद्धों की शान हुआ करते थे, आज दोनों ही शादियों में नाचते नज़र आते है। ****** Hindi jokes new  -  मोहब्बत में गोली नही मेरी जाती  बल्कि गोली खा के मारी जाती है। ****** Hindi jokes new  -  बंद दुकान के बाहर बैठे दो बूढ़े आपस में बातें करते हुए हंस-हंस कर लोट-पोट हो रहे थे कि एक जिज्ञासु राहगीर ने उनसे इतना खुश होने की वजह पूछी...? एक बूढ़े ने बामुश्किल अपनी हंसी पर काबू पाते हुए कहा "हमारे पास इस देश की समस्याओं को हल करने की एक शानदार योजना है, और वह योजना यह है कि सारी प्रजा को जेल में डाल दिया जाए और उन सबके साथ एक गधा भी जेल में...