टेलिस्कोप की खोज की रोमांचक कहानी, ये हैं दुनिया की 10 सबसे बड़ी दूरबीन - विश्व की सबसे बड़ी दूरबीन / टेलिस्कोप : - टेलिस्कोप की खोज के कारण ही आज हम ब्रह्माण्ड में होने वाली तमाम घटनाओं को देख पाते हैं। आज की इस आर्टिकल में आपके ये बतायेंगे कि आखिरकार टेलिस्कोप की शुरुवात कैसे हुई? साथ ही दुनिया में कौन-कौन से बड़े टेलीस्कोप हैं और ये काम कैसे करते हैं ?
हम सबने कई बार आस-पास टेलीस्कोप का नाम जरूर सुना होगा। क्या आपको पता है कि टेलीस्कोप की शुरुआत कैसे हुई थी और ये कितनी प्रकार की होती है ? जब भी हम आसमान में देखते हैं तो हमारे मस्तिष्क में ये ख्याल जरूर आता है कि आखिरकार वैज्ञानिकों ने इसकी शुरुवात कैसे की होगी ?
टेलीस्कोप या दूरबीन क्या है ?
टेलीस्कोप एक ऑप्टिकल उपकरण हैं जो एक या अधिक लेंस या घुमावदार दर्पण और लेंस का उपयोग करके दूर की वस्तुओं को बड़ा दिखाता है। टेलीस्कोप शब्द का प्रयोग सबसे पहले 1611 में ग्रीक गणितज्ञ गियोवन्नी डेमिसियानी के द्वारा गैलीलियो गैलीली के एकेडेमिया देई लिन्सेई में एक भोज में प्रस्तुत किए गए उपकरणों में से एक विशेष उपकरण के लिए किया गया था। Hindipie.blogspot.com
टेलीस्कोप को हिंदी भाषा में दूरदर्शी या दूरबीन कहा जाता है और बोलचाल की भाषा में इसे दूरबीन कहा जाता है। यदि आपको दूर की ग्रह या आकाशीय पिंड को देखना या फोटो क्लिक करना चाहते हैं तो आप Telescope या दूरबीन की मदद ले सकते हैं।
टेलीस्कोप की खोज किसने की थी ?
आपको ये बता दें कि टेलीस्कोप का अविष्कार सर्वप्रथम Hans Lipperhey ने वर्ष 1608 में किया था। टेलीस्कोप की खोज के पीछे एक बड़ी रोमांचक कहानी है। एक बार बार Hans Lipperhey ने अपने बेटे को कुछ टूटे हुए कांच के टुकड़ों में एक विशेष रंग वाले कांच को अलग करने के लिए कहा। उनका बेटा उन कांच के टुकड़ों से खेलने लगा और उन्हें आंख से लगाकर देखने लगा। तब उस बालक ने देखा कि उसके घर की दीवार उसे पास दिखने लगी जो की उससे दूर थी। लड़के ने ये बात अपने पापा यानी Lipperhey को बताई। इसी बात को देखकर और प्रेरित होकर Lipperhey ने दुनिया का पहला Telescope बनाया। Hindipie.blogspot.com
हबल टेलीस्कोप (Hubble Space Telescope) क्या है ?
हबल टेलीस्कोप (Hubble Telescope) एक अंतरिक्ष टेलीस्कोप है जो भूमध्य आकाश में स्थित है। यह अमेरिकी अंतरिक्ष विज्ञान एजेंसी नासा (NASA) और यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी (ESA) के सहयोग से विकसित किया गया था। हबल टेलीस्कोप का नाम अमेरिकी खगोलविद ईड्विन हबल के नाम पर रखा गया है, जिन्होंने सूर्यमण्डल में नेबुला का अध्ययन किया था।
हबल टेलीस्कोप, 1990 ईस्वी में अंतरिक्ष में विमान से छोड़ा गया था और उसके बाद से यह ब्रह्मांड में ध्रुवीय रूप से घूम रहा है। इसका उद्देश्य अंतरिक्ष में उच्च गुणवत्ता वाले तस्वीरों की ग्रहण करना है। हबल टेलीस्कोप की उच्च गुणवत्ता की वजह से वैज्ञानिक ने ब्रह्मांड के रहस्यों को समझने में मदद मिली है और हमें अंतरिक्ष के बारे में नई जानकारी प्राप्त करने में मदद करता है।
हबल टेलीस्कोप ने ग्रह गोलक, नेबुला, ग्यारहवीं शताब्दी के विश्वास के अनुसार विद्यमान होने वाले ग्रहों की खोज, ग्रह तत्वों के ग्रहण, विस्तारी ब्रह्मांडीय तस्वीरों का ग्रहण, अंतरिक्षीय वस्त्रों की मान्यता का मापन, ग्रहों की अवतारा और जीवित ब्रह्मांड में नई जीवन संकेतों की खोज आदि की है। Hindipie.blogspot.com
ये हैं दुनिया के 10 सबसे बड़े टेलीस्कोप : -
- ग्रान टेलेस्कोपियो कैनारिस
- केस्क 1 और केस्क 2, मौना केआ ऑब्जर्वेटरी,
- अंतु, पैरानल ऑब्जर्वेटरी,
- कुएयेंन, पैरानल ऑब्जर्वेटरी,
- मेलिपल, पैरानल ऑब्जर्वेटरी,
- साल्ट, दक्षिण अफ़्रीकी खगोलीय ऑब्जर्वेटरी,
- एलबीटी, माउंट ग्रैहम ऑब्जर्वेटरी,
- सुबारू, मौन केआ ऑब्जर्वेटरी,
- येपुन, पैरानल ऑब्जर्वेटरी,
- जैमिनी साउथ, सेर्रो टोलोलो इंटर-अमेरिकन ऑब्जर्वेटरी.
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