कुत्तों से याद आया....
दीवाली के पटाखों से कौन डरते है, बड़े लोगों के कुत्ते, वरना मोतिया शेरुआ तो पटाखों के रंगीनियों संग उछल कूद मस्ती करता है.
बराक ओबामा राष्ट्रपति के रूप में भारत आये हुये थे. सुरक्षा पूरी चाक चौबंद. यहां की सुरक्षा थी ही और उनके अपने सुरक्षा के लाव लश्कर भी थे. आसमान तक सील था.
उनके स्वान दस्ता में दो कुतिया भी थी, मने वेल टैलेंटेड. सूंघ सांघ के अग्रिम खतरों को सूचित करने वाली. ओबामा जहां जाते, श्वानों का दस्ता पहले भली भांति जांच कर आता तब हरी झंडी मिलने पर ओबामा जाते.
एक रात दस्ते में से एक कुतिया अपने ट्रेनर की आंखों में धूल झोंक कर कुछ देर के फरार हो गयी. किसी को पता भी नही चला. सब आराम कर रहे थे. थोड़ी देर बाद कुतिया वापस आकर अपने दरबे में चली गयी. सबकुछ सामान्य सा था.
हंगामा तब हुआ जब बराक वापस चले गये. विदेशी दौरे के बाद अमरीका में पहुंचने पर श्वान दस्ते की स्वास्थ्य जांच हुई तो कुतिया 'उम्मीद' से थी. भोकाल मच गया... कब ? कहां ? कैसे ?
बेचारे ट्रेनर को जवाब नही सूझ रहा था और अंततः उसे नौकरी भी गंवानी पड़ी. आखिर विश्व के सबसे ताकतवर व्यक्ति की सुरक्षा में सेंध कौन लगा गया. अमरीकी टीम के माथापच्ची के बाद जब जांच की तो निष्कर्ष निकला कि जिस रात वो फरार हुई, उसी रात उसके साथ किसी मोतिया या शेरुआ ने 'कमाल' कर दिया था.
अब बताइये जो शेरुआ या मोतिया ओबामा के बड़े बड़े विध्वंसक हथियारों से नही डरा, वो पटाखों से डरेगा ?
शेरुआ उस दिन भी नही डरा और आज तो बच्चों के संग पटाखों की आवाज पर उछल उछल के कांउ कांउ कर मस्ती कर रहा है... Hindipie.blogspot.com
भाड़ में जायें ज्ञान देने वाले और चूल्हे में जाये "आर्डर"
शेरुआ न डरा है न डरेगा और मौका मिला तो "आर्डर" और "ज्ञान" देने वालों के कुत्तों की ऐसी तैसी तक कर देगा
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शुभ दीपावली
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