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भारत की 5 वीरांगना हिन्दू रानियाँ , जिनसे घबराते थे मुग़ल और अंग्रेज

भारत का इतिहास वीरों और वीरांगनाओं की रोंगटे खड़े कर देने वाली कहानियों से भरा पड़ा है . किन्ही कारणों से हम भारतीय स्वयं अपने इतिहास के एक बड़े भाग को नही जान पाए है , लेकिन कोई बात नहीं हम यहाँ पर आपके लिए हमेशा कुछ नया लाने की कोशिश करते रहेंगे .

आज के इस आर्टिकल में हम ऐसी भारत की 6 वीरांगना हिन्दू रानियों के बारे में जानेंगे जिनसे टक्कर लेने में मुग़ल और अंग्रेज भी घबराते थे , तो चलिए शुरू करते है : - 


1. रानी दुर्गावती : - रानी दुर्गावती, भारतीय इतिहास में मध्यकालीन काल की एक प्रमुख महिला शासक थीं। वह गोंडवाना राज्य की रानी थीं और 16वीं शताब्दी में अपने समय की शक्तिशाली रानी मानी जाती थीं। रानी दुर्गावती का जन्म सन् 1524 में हुआ था और उनका निधन 24 जून 1564 को हुआ।

रानी दुर्गावती का विवाह राजा दलपत शाह से हुआ था, जो जबलपुर राज्य के शासक थे। उनके पति की मृत्यु के बाद, रानी दुर्गावती ने अपने मायके के गोंडवाना राज्य का प्रशासन संभाला।



रानी दुर्गावती को अपने धैर्य, साहस और न्यायप्रियता के लिए भी याद किया जाता है।

1564 में अकबर के सेनापति असफ खान ने गोंडवाना राज्य पर हमला किया। रानी दुर्गावती ने अपनी सेना के साथ बहादुरी से संग्राम किया, लेकिन वे अंततः हार गईं। उसके बाद वे राजमहल में सती होकर अपने प्राणों की आहुति दे दी। रानी दुर्गावती को उनकी वीरता और बहादुरी के लिए सराहा जाता है, और उन्हें भारतीय इतिहास में महिला शक्ति के प्रतीक के रूप में स्मरण किया जाता है। उन्होंने अपने धैर्य और साहस के लिए मशहूर हुईं और उनकी कथाएं आज भी लोगों के बीच प्रसिद्ध हैं।

2.रानी ताराबाई : - रानी ताराबाई वीर छत्रपति शिवाजी महाराज की पुत्रवधु थी , औरंगजेब के सेनापति ने 8 सालों तक जिंजी के किले पर कब्जा करने की कोशिश की लेकिन रानी ताराबाई के चलते यह नहीं हो सका, उन्होंने कई सालों तक मुगल बादशाह औरंगजेब से मराठा साम्राज्य को बचाये रखा, मराठी संस्कृति में आज भी रानी ताराबाई के किस्से सुनाए जाते हैं।



3. राजकुमारी रत्नावती : - राजकुमारी रत्नावती जैसलमेर के राजा महारावल रतन सिंह की बेटी थी राजा रतन सिंह ने अपनी बेटी को जैसलमेर के किले की सुरक्षा सौंप दी थी इसी दौरान अलाउद्दीन खिलजी की सेना ने किले को घेर लिया , राजकुमारी रत्नावती इससे घबराई नहीं उन्होंने युद्ध में अपनी सेना का संचालन किया और अभूतपूर्व वीरता का प्रदर्शन भी किया, उन्होंने युद्ध के दौरान अलाउद्दीन खिलजी के सेनापति मलिक काफूर सहित 100 सैनिकों को बंधक बना लिया था।



4. झांसी की रानी लक्ष्मीबाई : - आज झांसी की रानी लक्ष्मीबाई को कौन नहीं जानता झांसी के महाराजा गंगाधर राव की मृत्यु के बाद उनकी पत्नी रानी लक्ष्मीबाई ने राजकाज संभाला और दामोदर राव को गोद ले लिया ब्रिटिश सरकार ने झांसी को अपने कब्जे में करने के लिए बालक दामोदर को उत्तराधिकारी मानने से मना कर दिया आखिरी युद्ध में अंग्रेजो के खिलाफ लड़ते-लड़ते रानी लक्ष्मीबाई वीरगति को प्राप्त हो गई।



5. रानी चेन्नम्मा : - झांसी की रानी लक्ष्मीबाई से भी पहले कर्नाटक के कित्तूर की रानी चेन्नम्मा ने अंग्रेजों से जमकर लोहा लिया था बेटे और पति की मृत्यु के बाद उन्होंने राज्य संभाला तो अंग्रेजों ने उनसे सत्ता हथियाने की कोशिश की इस पर रानी चेन्नम्मा ने अंग्रेजो के खिलाफ जमकर युद्ध किया बाद में अंग्रेजों ने उन्हें कैद कर लिया था।


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