बढ़े चलो गढ़वालियों" गीत के बोल इस प्रकार हैं: "बढ़े चलो गढ़वालियों बढ़े चलो, दिल में जिगर आंख में काल चाहिए, तलवार चाहिए ना कोई ढाल चाहिए, गढ़वालियों के खून में उबाल चाहिए।" यह गढ़वाल राइफल्स का एक रेजिमेंटल गीत है जो गढ़वालियों के जोश और शौर्य को व्यक्त करता है.
"बढ़े चलो गढ़वालियों" गीत के बोल:
बढ़े चलो गढ़वालियों बढ़े चलो,
बढ़े चलो गढ़वालियों बड़े चलो ||
बढ़े चलो गढ़वालियों बड़े चलो ||
दिल में जिगर आंख में काल चाहिए,
तलवार चाहिए ना कोई ढाल चाहिए,
गढ़वालियों के खून में उबाल चाहिए,
उबाल चाहिए ||
तलवार चाहिए ना कोई ढाल चाहिए,
गढ़वालियों के खून में उबाल चाहिए,
उबाल चाहिए ||
बढ़े चलो गढ़वालियों बढ़े चलो,
बढ़े चलो गढ़वालियों बड़े चलो ||
बढ़े चलो गढ़वालियों बड़े चलो ||
सिंह की दहाड़ पर, जुल्म के पहाड़ पर,
दुश्मनों के सीने पर चढ़े चलो ||
दुश्मनों के सीने पर चढ़े चलो ||
पत्थर जो आए सामने ठोकर से हटा दो,
पहाड़ आए सामने सीने से हटा दो,
ये आंधियाँ अगर बढ़े कर मुकाबला तुम,
आग बनकर आंधियों के पंख जला दो, पंख जला दो ||
पहाड़ आए सामने सीने से हटा दो,
ये आंधियाँ अगर बढ़े कर मुकाबला तुम,
आग बनकर आंधियों के पंख जला दो, पंख जला दो ||
बढ़े चलो गढ़वालियों बढ़े चलो,
बढ़े चलो गढ़वालियों बड़े चलो ||
बढ़े चलो गढ़वालियों बड़े चलो ||
हमको अमर बद्री विशाल लाल की कसम,
निज पूर्वजों की आन-मान-सान की कसम,
जननी धारा वसुंधरा गढ़वाल की कसम,
गढ़वाल की कसम ||
निज पूर्वजों की आन-मान-सान की कसम,
जननी धारा वसुंधरा गढ़वाल की कसम,
गढ़वाल की कसम ||
बढ़े चलो गढ़वालियों बढ़े चलो,
बढ़े चलो गढ़वालियों बड़े चलो ||
जय बद्री विशाल!
बढ़े चलो गढ़वालियों बड़े चलो ||
जय बद्री विशाल!
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