अक्टूबर 2003 में, अलास्का के कटमाई नेशनल पार्क में टिमोथी ट्रेडवेल और उनकी गर्लफ्रेंड एमी हुगेनार्ड की मौत हो गई। उन्हें उन ही ग्रिज़ली भालुओं ने मार डाला और आंशिक रूप से खा लिया, जिनकी रक्षा के लिए टिमोथी ने अपना जीवन समर्पित कर दिया था।
टिमोथी हर गर्मियों में 13 साल तक भालुओं के बीच कैंप करते थे। उन्हें लगता था कि उनका इन जंगली जानवरों से एक खास रिश्ता है। वे उनसे बात करते थे जैसे वे उनके दोस्त हों, और बिना किसी डर के बहुत करीब चले जाते थे।
इस बार, वो और एमी गर्मियों के बाद ज्यादा देर तक वहां रुके। उस समय भालू ज़्यादा भूखे और आक्रामक हो जाते हैं क्योंकि उन्हें सर्दियों की नींद (hibernation) के लिए खाना जमा करना होता है।
5 अक्टूबर की रात, एक भालू उनके टेंट में घुस आया और हमला कर दिया। उस समय टिमोथी का कैमरा गलती से चालू हो गया था, लेकिन उस पर लेंस कैप लगी हुई थी, इसलिए वीडियो नहीं बना — केवल आवाज़ रिकॉर्ड हुई। ये रिकॉर्डिंग करीब 6 मिनट लंबी है।
उस ऑडियो में टिमोथी की चीखें सुनाई देती हैं। वह एमी से कह रहे हैं, "भाग जाओ, भागो!" लेकिन एमी नहीं भागती। वह टिमोथी को बचाने के लिए भालू पर एक फ्राइंग पैन से वार करती है, जबकि भालू टिमोथी को जंगल की ओर घसीट रहा होता है। कुछ ही पलों बाद एमी की भी चीखें सुनाई देती हैं — और फिर सबकुछ शांत हो जाता है।
अगले दिन पार्क रेंजर्स वहां पहुंचे। उन्हें टिमोथी और एमी के शरीर के अवशेष मिले — और वह रिकॉर्डिंग भी। उस ऑडियो को कभी सार्वजनिक रूप से नहीं जारी किया गया, लेकिन जिन्होंने उसे सुना है, वो कहते हैं कि वह बेहद डरावनी और परेशान करने वाली है।
यह कहानी एक ऐसे इंसान की दुखद मौत को दिखाती है जिसने जंगल की दुनिया को ठीक से नहीं समझा — और उस महिला की बहादुरी को, जो उसे बचाने के लिए अपनी जान दे बैठी।
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