क्या है सायबर किडनैपिंग ? - What is cyber kidnapping in hindi ? |
आजकल अन्य ऑनलाइन ठगी की तरह सायबर किडनैपिंग भी सायबर क्राइम का एक तरीक़ा है। इसमें अपराधी इंटरनेट की मदद से व्यक्ति की सारी जानकारी इकट्ठी करता है और फिर उसे कॉल करता है। वह व्यक्ति को धमकाकर, डराकर और परिजनों को नुक़सान पहुंचाने का हवाला देकर उसकी बताई हुई जगह पर जाने के लिए कहता है। वीडियो कॉल या फोटो मांगकर उस पर नजर रखता है। वहीं दूसरी तरफ व्यक्ति के घर पर फोन करके और नक़ली तस्वीरें या वीडियो भेजकर उसके अपहरण का दावा करता है। जबकि असल में अपहरण होता ही नहीं है।
साइबर किडनैपिंग एक ऐसा अपराध है, जिसमें अपराधी ऑनलाइन संचार के माध्यम से लोगों को धोखा देते हैं और उनसे पैसों की फिरौती मांगते हैं। इसमें अपराधी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) का इस्तेमाल करके फेक फोटो या वीडियो बनाते हैं, जिसमें शिकार को अपहरण किया गया या खतरे में दिखाया जाता है। फिर वे उन फोटो या वीडियो को शिकार के परिवार या दोस्तों को भेजते हैं और उनसे रिहाई के लिए पैसे मांगते हैं।
क्या है सायबर किडनैपिंग ? - What is cyber kidnapping in hindi ? |
कुछ अपराधी पीड़ित व्यक्ति की नक़ली तस्वीर, आवाज या वीडियो बनाने के लिए एआई का सहारा ले रहे हैं। अपराधी किसी को भी अपना शिकार बना सकते हैं। लेकिन वो लोग या छात्र अधिक जोखिम में हैं जो परिवार से दूर अन्य राज्य या देश में रहते हैं।
क्या है सायबर किडनैपिंग ???
आजकल 'सायबर किडनैपिंग' शब्द काफ़ी आ चर्चा में है। हाल ही में अमेरिका के यूटा शहर में 17 साल के एक चीनी बच्चे की नक़ली किडनैपिंग हुई। इंटरनेट की मदद से अपराधी ने बच्चे की जानकारी जुटाई। उसे फोन करके किसी बर्फीली पहाड़ी पर जाकर रहने के लिए कहा और बात न मानने पर उसके माता- पिता को जान से मारने की धमकी भी दी। इस डर से बच्चा वहां जाकर रहने लगा। अपराधी ने बच्चे के परिजनों को फोन किया और कहा कि उनका बेटा अपहरण हो गया है। उनसे लगभग 70 लाख रुपये की फिरौती भी मांगी। जांच-पड़ताल के बाद बच्चा सही-सलामत मिल गया। उसका कोई अपहरण नहीं हुआ था।
क्या है सायबर किडनैपिंग ? - What is cyber kidnapping in hindi ? |
सोशल मीडिया का सावधानी से इस्तेमाल
सोशल मीडिया या मैसेंजर पर अपनी निजी जानकारी ध्यान से साझा करें। परिवार में कौन, कहां रहता है या दिनवर्थ क्या है, इसे साझा करने के बचें। कई लोग घर जाने के बाद सोशल मीडिया पर पोस्ट करते हैं कि में कितने दिनों बाद अपने घर-शहर आए हैं। कई लोग अपने प्लानर की तस्वीर भी साझा करते हैं, जिसमें कई सकती है जिन ऐसी जानकारियां या दिनचर्या लिखों हो स पर अपराधी की नजर जा सकती है। किसी भी लिंक पर क्लिक करने से बचें। मोबाइल का सॉफ्टवेयर अपडेटेड रखें। मजबूत पासवर्ड रखें। इनकी मदद से भी ठग आप तक पहुंच सकता है।
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