किसी के काम जो आए उसे इंसान कहते हैं - प्रेरणा गीत / सामूहिक गीत | kisi ke kaam jo aaye use insan kehte hai - samuhik geet
प्रेरणा गीत / सामूहिक गीत
किसी के काम जो आए उसे इंसान कहते हैं ।
पराया दर्द अपनाए उसे इंसान कहते हैं ।
कभी धनवान है कितना कभी इंसान निर्धन हैं ।
कभी दुःख है कभी सुख है इसी का नाम जीवन हैं ।
जो मुश्किल से न घबराए उसे इंसान कहते हैं ।
पराया दर्द...........
ये दुनिया एक उलझन है, कहीं धोखा कहीं ठोकर ।
कोई हँस-हँस के जीता है कोई जीता है रो-रोकर ।
जो गिरकर फिर संभल जाए उसे इंसान कहते हैं।
पराया दर्द.........
अगर गलती रुलाती है तो राहें भी दिखाती हैं।
मनुज गलती का पुतला है जो अक्सर हो ही जाती है।
जो करले ठीक गलती को उसे इंसान कहते हैं ।
पराया दर्द .........
यों भरने को तो दुनिया में पशु भी पेट भरते हैं ।
लिए इंसान का दिल जो वे ही परमार्थ करते हैं ।
मनुज जो बांटकर खाए उसे इंसान कहते हैं ।
पराया दर्द ............
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