हिन्द देश के निवासी, सभी जन एक है - सामूहिक गीत | Hind desh ke nivasi sabhi jan ek hai - Samuhik geet
हिन्द देश के निवासी सभी जन एक है,
रंग रूप वेश भाषा चाहे अनेक हैं ।
बेला गुलाब जूही चम्पा चमेली,
प्यारे-प्यारे फूल गूँथे माला में एक है।
हिन्द देश के निवासी सभी जन एक है,
रंग रूप वेश भाषा चाहे अनेक हैं ।
कोयल की कूक न्यारी, पपीहे की टेर प्यारी,
गा रही तराना बुलबुल, राग मगर एक है ।
हिन्द देश के निवासी सभी जन एक है,
रंग रूप वेश भाषा चाहे अनेक हैं ।
गंगा-जमना, ब्रह्मपुत्र, कृष्णा, कावेरी,
जाके मिल गई सागर में हुई सब एक है ।
हिन्द देश के निवासी सभी जन एक है,
रंग रूप वेश भाषा चाहे अनेक हैं ।
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