पुलिस का एक सिपाही अपनी छुट्टी की दरख़्वास्त लेकर थानाध्यक्ष के पास गया और बोला,
😎
"सर, मेरी पत्नी गर्भवती है और घरेलू कामकाज करने में असमर्थ है। ऐसे में मेरा उसके साथ होना बहुत ज़रूरी है।"
🙄
थानाध्यक्ष ने कहा,
"अरे, क्या बात करते हो। कल शाम को ही तो तुम्हारी बीवी का फोन आया था।
वह कह रही थी कि तुम जब भी घर जाते हो तो घर का कोई कामकाज नहीं करते बल्कि सारा दिन दोस्तों के साथ आवारागर्दी करते हो
और तो और
रोज़ दारू पीकर हंगामा भी करते हो।
उसने तो ख़ासतौर से गुज़ारिश की थी कि तुम्हे किसी भी हालत में छुट्टी न दी जाए, इसलिए तुम्हारी छुट्टी नामंज़ूर की जाती है।"
🙄
सिपाही उदास हो गया और "ठीक है सर" कहकर जाने लगा।
😉
दरवाज़े के पास पहुँचकर वह रुका, मुड़ा और फिर वापिस आकर धीरे - से बोला,
😎
"सर, मुझे कुछ और भी कहना है।"
😘
थानाध्यक्ष: "हाँ, बोलो!"
😉
सिपाही: 'सर, आपको नहीं लगता कि दुनिया में अपने विभाग में एक से बढ़कर एक झूठे, मक्कार धूर्त हैं ?"*
थानाध्यक्ष: "क्या मतलब तुम्हारा ?"
😉
कॉन्स्टेबल: "सर, मेरी तो अभी शादी ही नहीं हुई!!!
बाकी आप जानो, आपके पास तो फोन भी आया था ....
😜😝😜😝
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