सीधे मुख्य सामग्री पर जाएं

Byju's (white hat junior) पर आपका अनुभव कैसा रहा ? | How was your experience at Byju's white hat junior ?




Byju's (white hat junior) पर आपका अनुभव कैसा रहा ? | How was your experience at Byju's white hat junior ?: - मैंने तो नहीं पर मेरी एक मित्र ने Byju's के वाइट हैट जूनियर (white hat junior) प्रोग्राम का अपने बेटे के लिए जॉइन किया था।




और उनके अनुसार उनका अनुभव कुछ इस तरह था : -

जब तक उन्होंने अपने बेटे को कोर्स के लिए (Byju's white hat junior) ज्वाइन नहीं करवाया, तब तक Byju's का प्रतिनिधि उनके पीछे पड़ा रहा। वो बार बार फोन करते रहे।

फीस के नाम पर, अच्छी खासी रकम लीं।

Byju's white hat junior प्रोग्राम के संचालक ऐसे पढ़ाते थे मानो जैसे उन्हें कोई बहुत जल्दी थीं। उनका बच्चा जैसे सिर्फ एक कस्टमर हो।

बच्चे को यदि कोई समस्या आती तो Byju's white hat junior के संचालक बच्चे को यह कहकर टोक देते की इतनी आसान सी बात भी समझ नहीं आई।

अभिभावकों/ माता पिता के शिकायत करने पर, उन्हें कहा जाता कि उनका बच्चा कमज़ोर है (जबकि वह पढ़ाई में बहुत ही अच्छा है।) और वह इस कोर्स के लायक ही नहीं है।




जब परेशान होकर अभिभावक फीस की धनवापसी (रिफंड) का अनुरोध करनें लगें तो उन्हें यह कहकर मना कर दिया कि एक बार दी गई फीस की किसी भी हालत में वापसी नहीं होतीं।

मैं इनके विज्ञापनों को देखकर यह बात तो समझ गया हूँ कि वे पैसे कमाने के लिए बहुत ही बेकरार हैं। जिस तरह से वे तरह तरह की हस्तियों को उनके प्रचार के लिए कहतें हैं, वह उनकी बेताबी को साफ दर्शाता है।

यदि आप मुझसे पूछेंगे मैं तो यही सलाह दूंगा कि बच्चों को प्राकृतिक रूप से उनके बचपन को संवरने देना चाहिए। क्योंकि एक बार जो बचपन बीत गया वह दोबारा लौटकर कभी नहीं आएगा।

मैं इसको 10 में से 4 स्टार देता हूँ।

टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

जीवन में कुछ करना है तो, मन को मारे मत बैठो - सामूहिक गीत | jivan me kuch karna hai to man ke maare mat baitho - Samuhik geet

प्रेरणा गीत / सामूहिक गीत जीवन में कुछ करना है तो, मन को मारे मत बैठो । आगे-आगे बढ़ना है तो, हिम्मत हारे मत बैठो ॥ चलने वाला मंजिल पाता, बैठा पीछे रहता है । ठहरा पानी सड़ने लगता, बहता निर्मल होता है पाँव मिले हैं चलने के खातिर, पाँव पसारे मत बैठो जीवन में कुछ करना है तो, मन को मारे मत बैठो । आगे-आगे बढ़ना है तो, हिम्मत हारे मत बैठो ॥ तेज दौड़ने वाला खरहा, दो पाँव चलकर हार गया । धीरे-धीरे चलता कछुआ, देखो बाजी मार गया चलो कदम से कदम मिलाकर, दूर किनारे मत बैठो  आगे-आगे बढ़ना है तो, हिम्मत हारे मत बैठो ॥ धरती चलती तारे चलते, चाँद रात भर चलता है । किरणों का उपहार बांटने, सूरज रोज निकलता है हवा चले तो महक बिखरे, तुम भी ठाले मत बैठो आगे-आगे बढ़ना है तो, हिम्मत हारे मत बैठो ॥ जीवन में कुछ करना है तो, मन को मारे मत बैठो । आगे-आगे बढ़ना है तो, हिम्मत हारे मत बैठो ॥

Happy father's day top 10 stories in hindi stories | Father's day ki kahaniyan hindi me

हर पिता असाधारण होता है, क्योंकि उनके संघर्ष, जिजीविषा और अनुभव के आगे हर चुनौती छोटी है । इस लेख में है आपके लिए father's day पर 10 कहानियां लेकर आए है जो आपको जरूर पसंद आएंगी। 1. सम्मान का संकल्प बात उन दिनों की है. जब मुझे आठवीं के रिजल्ट के बाद बाद भविष्य के लिए नौवीं कक्षा में किस सब्जेक्ट कार चुनना है, यह तय करना था। लापरवाही के चलते मैं यह डिसाइड नहीं कर सका कि कौन-सी ब्रांच में एडमिशन लेना है। इसी बीच एडमिशन की डेट निकल जाने का पता चला तो मैं दौड़ा-दौड़ा स्कूल गया। अध्यापक से बात की तो उन्होंने कहा, तारीख निकल चुकी है। अब तुम्हारा एडमिशन नहीं हो सकता। मैंने स्कूल के प्रिंसिपल से अनुरोध किया तो वो भी बोले, तुम लेट हो गए। मैंने कहा, ठीक है। पर मैं पिताजी को क्या जवाब दूंगा ? मेरी तो हिम्मत भी नहीं होगी। मैं उन्हें भेजता हूं। आप ही उन्हें बता देना। यह सुनते ही प्रिंसिपल बोले, 'अरे, उन्हें मत भेजना।' मैं मायूस होकर घर पहुंचा तो पिताजी मेरा इंतजार ही कर रहे थे। उन्होंने पूछा एडमिशन हुआ क्या? मैंने कहा, प्रिंसिपल साहब से आप ही पूछ लीजिए। इस पर पिताजी मेरा हाथ पकड़कर स्कूल

तेरा वैभव अमर रहे माँ, हम दिन चार रहे न रहे

तेरा वैभव अमर रहे माँ, हम दिन चार रहे न रहे ध्येय साधना अमर रहे। ध्येय साधना अमर रहे। अखिल जगत को पावन करती त्रस्त उरों में आशा भरती भारतीय सभ्यता सिखाती गंगा की चिर धार बहे। इससे प्रेरित होकर जन-जन करे निछावर निज तन-मन-धन पाले देशभक्ति का प्रिय प्रण अडिग लाख आघात सहे। भीती न हमको छू पाये स्वार्थ लालसा नहीं सताये शुद्ध ह्नदय ले बढते जायें धन्य-धन्य जग आप कहे। जीवन पुष्प चढा चरणों पर माँगे मातृभूमि से यह वर तेरा वैभव अमर रहे माँ। हम दिन चार रहें न रहे। dhyeya sadhana amar rahe . dhyeya sadhana amar rahe . akhil jagat ko pavan karti trast uron men aasha bharati bharatiya sabhyata sikhati ganga ki chir dhar bahe . isse prerit hokar jan - jan kare nichhavar nij tan - man - dhan pale deshbhakti ka priy pran adig lakh aaghat sahe . bheeti n hmako chhu paye swarth lalsa nahi sataye shuddh hnday le badhate jayen dhany - dhany jag aap kahe . jivan pushp chadha charanon par mange matrabhumi se yah var tera vaibhav amar rahe ma . hum din char rahen n rahe .