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सुकरात की जीवनी (Biography of Socrates in Hindi)

सुकरात (Socrates) प्राचीन ग्रीस के महान दार्शनिक और विचारक थे। वे पश्चिमी दर्शनशास्त्र के जनक माने जाते हैं। उनके विचार, जीवनशैली और शिक्षाएं न केवल उनके समय के समाज को प्रभावित करती थीं, बल्कि आज भी वे दार्शनिक अध्ययन और नैतिकता के क्षेत्र में प्रेरणा स्रोत हैं। --- जन्म और प्रारंभिक जीवन जन्म: सुकरात का जन्म 469 ईसा पूर्व में एथेंस, ग्रीस में हुआ था। उनके पिता सोफ्रोनिकस एक मूर्तिकार थे, और उनकी मां फेनारेते एक दाई थीं। सुकरात ने अपने जीवन के शुरुआती दिनों में मूर्तिकला का काम किया, लेकिन बाद में उन्होंने दर्शन और ज्ञान के प्रति अपना जीवन समर्पित कर दिया। --- शिक्षा और दर्शन सुकरात ने औपचारिक शिक्षा नहीं ली थी, लेकिन वे प्रकृति, नैतिकता और ज्ञान के सवालों पर गहन चर्चा करते थे। उन्होंने कोई लिखित ग्रंथ नहीं छोड़ा; उनके विचार उनके शिष्यों, विशेष रूप से प्लेटो, के माध्यम से सामने आए। सुकरात का मुख्य दर्शन था कि "ज्ञान ही सद्गुण है"। उन्होंने मानवीय नैतिकता और आत्म-ज्ञान पर जोर दिया। --- सुकराती पद्धति (Socratic Method) सुकरात ने शिक्षा का एक नया तरीका विकसित किया, जिसे आज सुकर...

प्लेटो की जीवनी - Biography of Plato in Hindi

प्लेटो (Plato) प्राचीन ग्रीस के एक महान दार्शनिक, विचारक और शिक्षक थे। उनका जन्म 428/427 ईसा पूर्व में एथेंस, ग्रीस में हुआ था। प्लेटो पश्चिमी दर्शन और विज्ञान के संस्थापक माने जाते हैं। वे सुकरात (Socrates) के शिष्य और अरस्तू (Aristotle) के गुरु थे। प्रारंभिक जीवन प्लेटो का असली नाम अरिस्टोक्लीज़ (Aristocles) था, लेकिन उनके शरीर की चौड़ाई के कारण उन्हें "प्लेटो" नाम दिया गया, जिसका अर्थ है "चौड़ा"। प्लेटो एक समृद्ध और प्रभावशाली परिवार से थे। वे बचपन से ही शिक्षा और कला में रुचि रखते थे। शिक्षा और सुकरात के साथ संबंध प्लेटो ने अपने जीवन के शुरुआती वर्षों में विभिन्न विषयों का अध्ययन किया, जिनमें संगीत, गणित और दर्शन शामिल थे। उन्होंने सुकरात से दर्शनशास्त्र की शिक्षा प्राप्त की और उनके विचारों से गहराई से प्रभावित हुए। सुकरात की मृत्यु (399 ईसा पूर्व) के बाद, प्लेटो ने यात्रा की और मिस्र, इटली और साइरिन जैसी जगहों पर ज्ञान प्राप्त किया। अकादमी की स्थापना 387 ईसा पूर्व में प्लेटो ने एथेंस में एक अकादमी की स्थापना की, जो पश्चिमी इतिहास का पहला विश्वविद्यालय माना जाता...

दिशा पाटनी की जीवनी हिंदी में - Disha patani biography in Hindi

बॉलीवुड वो जगह है जिसमे काम करने के सपने बहुत लोग देखते है. इसकी वजह से बॉलीवुड इंडस्ट्री में काफी सारे नए चेहरे देखने को मिलते है और चर्चे में भी रहते है, और इन्ही चहेरो में एक चमकते चेहरे की बात करे तो वो है दिशा पाटनी. दिशा ने अपने करियर की शुरुआत 2013 में मौडलिंग से की थी बाद में इनको बॉलीवुड में फिल्म लोफ़र में काम करने का मौका मिला पर सही मायने में इनको “धोनी : एन अनटोल्ड स्टोरी” से काफी सराहना मिली जिनकी हम इस लेख में पूरी जानकारी आपको देंगे. उनकी पहली फिल्म लोफर (2015) में आई थी जिसके अच्छे प्रदर्शन की वजह से इनको बॉलीवुड में एक शानदार फिल्म जो “विख्यात क्रिकेटर महेंद्रसिंह धोनी के जीवन परिचय और रेकॉर्ड्स“ पे बनी फिल्म “एमएस धोनी: द अनटोल्ड स्टोरी” में धोनी की प्रेमिका प्रियंका झा का किरदार अच्छे से निभाके सारे दर्शकों ने इनकी एक्टिंग की बहुत ही अच्छी सराहना भी की और ऐसे चलते चलते दिशा को कई सारी अच्छी मूवीज में काम करने के मौके भी मिले. जब वह नोएडा से बी.टेक कर रही थीं, तो उन्हें कुछ मॉडलिंग प्रोजेक्ट मिले और इसलिए उन्होंने अपनी पढ़ाई बीच में...

हिंदी दिवस कविता - Hindi divas kavita

क्या दिक्कत है ? हीट को ताप कहने में। यू को आप कहने में। स्टीम को भाप कहने में। फादर को बाप कहने में।  क्या दिक्कत है ? बैड को ख़राब कहने में। वाईन को शराब कहने में।  बुक को किताब कहने में। सॉक्स को ज़ुराब कहने में। क्या दिक्कत है ? डिच को खाई कहने में। आंटी को ताई कहने में। बर्बर को नाई कहने में। कुक को हलवाई कहने में। क्या दिक्कत है ? इनकम को आय कहने में। जस्टिस को न्याय कहने में। एडवाइज़ को राय कहने में।  टी को चाय कहने में।  क्या दिक्कत है ?   फ़्लैग को झंडा कहने में। स्टिक को डंडा कहने में। कोल्ड को ठंडा कहने में। ऐग को अंडा कहने में। क्या दिक्कत है ? बीटिंग को कुटाई कहने में। वॉशिंग को धुलाई कहने में। पेंटिंग को पुताई कहने में। वाइफ को लुगाई कहने में। क्या दिक्कत है ? स्मॉल को छोटी कहने में। फेट को मोटी कहने में। टॉप को चोटी कहने में। ब्रेड को रोटी कहने में। क्या दिक्कत है ? ब्लैक को काला कहने में। लॉक को ताला कहने में। बाउल को प्याला कहने में। जेवलीन को भाला कहने में। क्या दिक्कत है ? गेट को...

तमन्ना भाटिया की जीवनी हिंदी में | Tamannaah bhatiya biography in Hindi

तमन्ना भाटिया का जन्म 21 दिसंबर 1989 को एक पंजाबी परिवार में मुंबई में हुआ तथा तमन्ना भाटिया को बचपन से ही एक एक्ट्रेस बनने में रुचि था। नाम  - तमन्ना भाटिया निक नाम - टैमी स्किन टोन - फेयर वजन - 55 किलो लम्बाई - 5’5″ आँखो का रंग - भूरा शारीरिक संरचना - 33-27-35 तमन्ना भाटिया का परिवार (Tamanna Bhatia Family) तमन्ना भाटिया के पिता का नाम संतोष भाटिया है तथा इनके पिता हीरों का कारोबार करते है तथा इनकी माँ का नाम रजनी भाटिया है और इनकी माँ एक हाउस वाइफ है। इसके अलावा तमन्ना भाटिया का एक बड़ा भाई भी है तथा इनके भाई का नाम आनंद भाटिया है। तमन्ना भाटिया ने अपने करियर की शुरुआत साल 2005 में तथा 15 साल के उम्र में फिल्म ‘चाँद सा रोशन चेहरा’ से की। लेकिन यह फिल्म दर्शकों को कुछ खास पसंद नहीं आई जिसके कारण यह फिल्म फ़्लॉप साबित हुई। साल 2015 में तमन्ना भाटिया की सबसे बेहतरीन तथा सुपरहिट फिल्म ‘बाहुबली’ रिलीज हुई। एस.एस. राजामौली के निर्देशन में बनी यह फिल्म सुपर डुपर हिट रही और सबसे अधिक कमाई करने वाली फिल्म साबित हुई। ‘बाहुबली’ फिल्म के रिलीज होते ही तमन्ना भाटिया एक सुपर स्टार...

Neeraj Chopra Biography in Hindi - नीरज चोपड़ा की जीवनी हिंदी में

Neeraj Chopra Biography in Hindi : नीरज चोपड़ा भारतीय ट्रैक एंड फिल्ड एथलीट है जो की अपनी कड़ी मेहनत और अपने समर्थकों के अटूट विश्वास से लगातार टोक्यो ओलिंपिक 2021 में भाला फेंक के भारत के लिए गोल्ड मैडल जीता और उसके बाद अब पेरिस ओलोम्पिक 2024 में  भी पदक जीतकर देश का नाम रौशन किया। नीरज चोपड़ा का जन्म 24 दिसम्बर 1997 को हरियाणा के पानीपत जिले के छोटे से गांव खंडरा में हुआ था। आज के इस पोस्ट में हम नीरज चोपड़ा के जीवन के बारे में जानेंगे की एक मध्यम वर्गीय परिवार से आया हुआ लड़का अपने दृढ़ता और कड़ी मेहनत से देश का नाम रौशन कर रहा है। तथा हम जानेंगे की नीरज चोपड़ा कौन है उनका बचपन कैसा रहा उनके परिवार में कौन कौन सदस्य है और जानेंगे की Neeraj Chopra Kon Hai, Neeraj Chopra Biography in Hindi, Paris Olympic 2024 Performance, Neeraj Chopra Career, Neeraj Chopra Major Achievements, Neeraj chopda age, Neeraj chopda net worth, Neeraj chopda height, Neeraj chopda gold medal आदि। नीरज चोपड़ा का जीवन परिचय (Neeraj Chopra Biography in Hindi) Neeraj Chopra Biography in Hindi: न...

Hindi kahani - राजा या ईश्वर

एक बार एक राजा था, वह जब भी मन्दिर जाता, तो 2 भिखारी उसके दाएं और बाएं बैठा करते थे। दाईं तरफ़ वाला कहता-'हे ईश्वर, तूने राजा को बहुत कुछ दिया है, मुझे भी दे दे.!' तो बाईं तरफ़ वाला कहता-'ऐ राजा.! ईश्वर ने तुझे बहुत कुछ दिया है, मुझे भी कुछ दे दे.!' दाईं तरफ़ वाला भिखारी बाईं तरफ़ वाले से कहता-ईश्वर से माँग वह सबकी सुनने वाला है। बाईं तरफ़ वाला जवाब देता-'चुप कर मूर्ख। एक दिन राजा ने अपने मंत्री को बुलाया और कहा कि मन्दिर में दाईं तरफ जो भिखारी बैठता है वह हमेशा ईश्वर से मांगता है तो अवश्य ईश्वर उसकी सुनेगा। लेकिन जो बाईं तरफ बैठता है वह हमेशा मुझसे ही मांग करता रहता है, तो तुम ऐसा करो कि एक बड़े से बर्तन में खीर भर के उसमें स्वर्ण मुद्रा डाल दो और वह उसको दे आओ। मंत्री ने ऐसा ही किया। अब वह भिखारी मजे से खीर खाते-खाते दूसरे भिखारी को चिड़ाता हुआ बोला-'हुँह खाते जब बड़ा आया ईश्वर देगा', यह देख राजा से माँगा, मिल गया ना ?' खाते- इसका पेट भर गया तो इसने बची हुई खीर का बर्तन उस दूसरे दिया और कहा-'ले पकड़ तू भी खा ले, मूर्ख' दिन जब राजा आया तो देखा क...