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मोमोज खाने के फायदे और नुकसान | Momos khane ke fayade aur nuksan

मोमोज खाने के फायदे | Momos khane ke fayade : - मोमोज एक प्रकार का पकौड़ा है जो नेपाल, तिब्बत और पूर्वी भारत से उत्पन्न हुआ है. वे आमतौर पर मांस या सब्जियों से भरे हुए होते हैं और उबले हुए या तले हुए होते हैं. मोमोज को कई तरह के सॉस के साथ परोसा जाता है, जैसे कि चटनी, सॉस और दही. आज के इस लेख में हम जानेंगे की मोमोज खाने के क्या क्या फायदे और नुकसान ( Momos khane ke fayade aur nuksan ) है? Hindipie.blogspot.com वैसे तो मोमोज, चाउमीन, मैगी खाने से 70 किलो की तलवार नही उठ सकती, उसके लिए बाजरा खाना पड़ता है लेकिन आज के युग में मोमोज खाने वालों की संख्या बहुत बढ़ गई है. खैर आज के इस लेख में जानते है कि मोमोज खाने से क्या क्या फायदे और नुकसान है : - मोमोज को बनाने के लिए, एक आटे के घोल से एक पतली परत बनाई जाती है और फिर उस पर भराई रखी जाती है. भराई में आमतौर पर मांस, सब्जियां या दोनों का मिश्रण होता है. फिर, आटे को भराई के चारों ओर बंद कर दिया जाता है और उबला हुआ या तला हुआ जाता है. मोमोज को एक स्वादिष्ट और लोकप्रिय स्नैक माना जाता है. वे आमतौर पर भोजन के साथ या एक स्वतंत्र डिश

आसरा इस जहां का मिले न मिले लिरिक्स | Aasra es jahan ka mile na mile lyrics

आसरा इस जहाँ का मिले ना मिले। मुझको तेरा सहारा सदा चाहिये॥ चाँद तारे गगन में दिखे ना दिखे। मुझको तेरा नजारा सदा चाहिये॥ आसरा इस जहाँ का मिले ना मिले। मुझको तेरा सहारा सदा चाहिये॥ यहाँ खुशियों हैं कम और ज्यादा है गम। जहाँ देखो वहीं है, भरम ही भरम॥ मेरी महफिल में शमां जले ना जले। मेरे दिल में उजाला तेरा चाहिये॥ आसरा इस जहाँ का मिले ना मिले। मुझको तेरा सहारा सदा चाहिये॥ कभी वैराग है, कभी अनुराग है। यहाँ बदले है माली, वही बाग़ है॥ मेरी चाहत की दुनिया बसे ना बसे। मेरे दिल में बसेरा सदा चाहिये॥ आसरा इस जहाँ का मिले ना मिले। मुझको तेरा सहारा सदा चाहिये॥ मेरी धीमी है चाल और पथ है विशाल। हर कदम पर मुसीबत, अब तू ही संभाल॥ पैर मेरे थके हैं, चले ना चले। मेरे दिल में इशारा तेरा चाहिये॥ आसरा इस जहाँ का मिले ना मिले। मुझको तेरा सहारा सदा चाहिये॥ चाँद तारे फलक पर (गगन में) दिखे ना दिखे। मुझको तेरा नजारा सदा चाहिये॥ आसरा इस जहाँ का मिले ना मिले। मुझको तेरा सहारा सदा चाहिये॥

इमोशनल हाईजैकिंग क्या होता है? | What is Emotional hijacking ?

इमोशनल हाईजैकिंग क्या होता है? | What is emotional hijacking : - इमोशनल हाईजैकिंग (Emotional hijacking) शब्द के बारे में आपने कभी न कभी जरूर सुना होगा , लेकिन इमोशनल हाईजैकिंग क्या होती है ? इसके बारे में बहुत कम लोगों को स्पष्ट रूप से जानकारी है. इसलिए आज के इस आर्टिकल में हम इमोशनल हाईजैकिंग के बारे में समझेंगे की इमोशनल हाईजैकिंग क्या होती है. इमोशनल हाईजैकिंग  (Emotional hijacking)  क्या होती है? इमोशनल हाईजैकिंग  (Emotional hijacking)  करने के क्या क्या तरीके है? इमोशनल हाईजैकिंग  (Emotional hijacking) से कैसे बचे? किसी इमोशनल सिचुएशन या घटना पर आवश्यकता से अधिक प्रतिक्रिया देना ही इमोशनल  हाईजैकिंग (Emotional hijacking) कहलाता है. ऐसा अक्सर तब होता है जब तेज भावनाएं दिमाग के सोचने वाले हिस्से पर हावी हो जाती है. इससे पहले की हम सिचुएशन को सही से समझ सके हम रिएक्ट का देते है. दरअसल इस सिचुएशन में दिमाग को खतरा अनुभव होता है , इसलिए वह ताबड़तोड़ प्रतिक्रियाएं देने लगता है. जब इमोशनल हाईजैकिंग (Emotional hijacking) महसूस होती है तब दिल की धड़कन तेज हो जाती है और मांसपेशियों में तनाव मह

नन्हा मुन्ना राही हूँ, देश का सिपाही हूँ - देशभक्ति गीत | Nanha munna rahi hu desh ka sipahi hu - Deshbhakti geet

नन्हा मुन्ना राही हूँ, देश का सिपाही हूँ बोलो मेरे संग, जय हिन्द, जय हिन्द, जय हिन्द रस्ते पे चलूंगा न डर-डर के, चाहे मुझे जीना पड़े मर-मर के  मंजिल से पहले ना लूंगा कहीं दम, आगे ही आगे बढ़ाऊँगा कदम दाहिने बाएं दाहिने बाएं, थमsssssss!  नन्हा मुन्ना राही हूँ, देश का सिपाही हूँ बोलो मेरे संग, जय हिन्द, जय हिन्द, जय हिन्द धूप में पसीना बहाऊँगा जहाँ, हरे-भरे खेत लहराएगें वहाँ धरती पे आके न पाएगें जन्म आगे ही आगे बढ़ाऊंगा कदम  नन्हा मुन्ना राही हूँ, देश का सिपाही हूँ बोलो मेरे संग, जय हिन्द, जय हिन्द, जय हिन्द नया है जमाना मेरी नई है डगर, देश को बनाऊँगा मशीनों का नगर भारत किसी से रहेगा नही कम , आगे ही आगे बढ़ाऊंगा कदम  नन्हा मुन्ना राही हूँ, देश का सिपाही हूँ बोलो मेरे संग, जय हिन्द, जय हिन्द, जय हिन्द बड़ा हो के देश का सितारा बनूंगा दुनिया की आँखो का तारा बनूंगा रखूँगा ऊँचा तिरंगा हरदम , आगे ही आगे बढ़ाऊंगा कदम  नन्हा मुन्ना राही हूँ, देश का सिपाही हूँ बोलो मेरे संग, जय हिन्द, जय हिन्द, जय हिन्द शांति की नगरी है मेरा ये वतन , सबको सिखाऊँगा प्यार का चलन दुनिया में गिरने न दूँगा कहीं बम , आगे ह

ये देश है वीर जवानों का - देशभक्ति गीत | Ye desh hai veer jawano ka - deshbhakti geet

ये देश है वीर जवानों का अलबेलों का मस्तानों का इस देश का यारों क्या कहना, ये देश है दुनिया का कहना यहाँ चौड़ी छाती वीरों की, यहाँ भोली शक्लें हीरों की यहाँ गाते हैं राँझे मस्ती में, मस्ती में धूमें बस्ती में पेड़ों पे बहारें झूलों की, राहों में कतारें फूलों की यहाँ हँसता है सावन बालों में, खिलती हैं कलियाँ गालों में कहीं दंगल शोख जवानों के, कहीं करतब तीर कमानों के यहाँ नित नित मेले सजते हैं, नित ढोल और ताशे बजते हैं दिलबर के लिये दिलदार हैं हम, दुश्मन के लिये तलवार हैं हम मैदा में अगर हम डट जाएं, मुश्किल है कि पीछे हट जाएं. ये देश है वीर जवानों का अलबेलों का मस्तानों का इस देश का यारों क्या कहना, ये देश है दुनिया का कहना

मेरे देश की धरती सोना उगले उगले हीरे मोती - देशभक्ति गीत | Mere desh ki dharti sona ugle - Deshbhakti geet

मेरे देश की धरती सोना उगले उगले हीरे मोती मेरे देश की धरती बैलों के गले में जब घुँघरू जीवन का राग सुनाते हैं गम कोसो दूर हो जाता है खुशियों के कंवल मुस्काते हैं सुन के रहट की आवाजें यूँ लगे कहीं शहनाई बजे आते ही मस्त बहारों के दुल्हन की तरह हर खेत सजे मेरे देश की धरती सोना उगले उगले हीरे मोती .... मेरे देश की धरती जब चलते हैं इस धरती पे हल ममता अँगड़ाइयाँ लेती है क्यों ना पूजें इस माटी को जो जीवन का सुख देती है इस धरती पे जिसने जन्म लिया उसने ही पाया प्यार तेरा यहाँ अपना पराया कोई नहीं हैं सब पे है माँ उपकार तेरा मेरे देश की धरती सोना उगले उगले हीरे मोती मेरे देश की धरती ये बाग हैं गौतम नानक का खिलते हैं अमन के फूल यहाँ गांधी, सुभाष, टैगोर, तिलक ऐसे हैं चमन के फूल यहाँ रंग हरा हरिसिंह नलवे से रंग लाल है लाल बहादुर से रंग बना बसंती भगतसिंह से रंग अमन का वीर जवाहर से मेरे देश की धरती सोना उगले उगले हीरे मोती मेरे देश की धरती

ऐ मेरे वतन के लोगों, जरा आँख में भर लो पानी लिरिक्स -सामूहिक गीत | e mere watan ke logo jara aankh me bhar lo pani lyrics - Samuhik geet

ऐ मेरे वतन के लोगों, तुम खूब लगा लो नारा. ये शुभ दिन है हम सब का लहरा लो तिरंगा प्यारा  पर मत भूलो सीमा पर वीरों ने है प्राण गँवाए कुछ याद उन्हें भी कर लो, 2 जो लौट के घर न आए. • 2 ऐ मेरे वतन के लोगों, जरा आँख में भर लो पानी जो शहीद हुए हैं उनकी जरा याद करो कुरबानी,  तुम भूल न जाओ उनको, इस लिये सुनो ये कहानी, जो शहीद हुए हैं उनकी, जरा याद करो कुरबानी जब घायल हुआ हिमालय, खतरे में पड़ी आजादी जब तक थी साँस लड़े वो 2,फिर अपनी लाश बिछा दी संगीन पे धर कर माथा, सो गये अमर बलिदानी जो शहीद हुए हैं उनकी, जरा याद करो कुरबानी जब देश में थी दीवाली, वो खेल रहे थे होली जब हम बैठे थे घरों में, वो झेल रहे थे गोली थे धन्य जवान वो अपने, थी धन्य वो उनकी जवानी जो शहीद हुए हैं उनकी जरा याद करो कुरबानी कोई सिख कोई जाट मराठा -2, कोई गुरखा कोई मदरासी- 2 सरहद पर मरने वाला -2, हर वीर था भारतवासी जो खून गिरा पर्वत पर, वो खून था हिंदुस्तानी जो शहीद हुए हैं उनकी जरा याद करो कुरबानी थी खून से लथपथ काया, फिर भी बन्दूक उठाके दस-दस को एक ने मारा फिर गिर गये होश गँवा के जब अन्त-समय आया तो 2 कह गए के अब मरते हैं खुश रहना