हे हँस वाहिनी माँ, हम शरण में आये हैं - प्रार्थना | He hanswahini maa hum sharan me aaye hai - prarthana
हे हँस वाहिनी माँ, हम शरण में आये हैं । घर ज्योतिर्मय कर दे, अभिलाषा लाए हैं । तुम वीणा पाणि हो, विद्या और वाणी हो । विज्ञान की हो जननी, जन जन कल्याणी हो । तव चरणों में मैया, हम शीश झुकाए हैं। हे हँस वाहिनी माँ, हम शरण में आये हैं । तेरे कर में पोथी है, तू ज्ञान की ज्योति है । विद्वान बना देती, जिस पर खुश होती है। जब कालिदास जैसे, महा कवि बन पाए हैं। हे हँस वाहिनी माँ, हम शरण में आये हैं । घर ज्योतिर्मय कर दे, अभिलाषा लाए हैं । हे हँस वाहिनी माँ, हम शरण में आये हैं ।