सीधे मुख्य सामग्री पर जाएं

संदेश

जून, 2024 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

Happy father's day top 10 stories in hindi stories | Father's day ki kahaniyan hindi me

हर पिता असाधारण होता है, क्योंकि उनके संघर्ष, जिजीविषा और अनुभव के आगे हर चुनौती छोटी है । इस लेख में है आपके लिए father's day पर 10 कहानियां लेकर आए है जो आपको जरूर पसंद आएंगी। 1. सम्मान का संकल्प बात उन दिनों की है. जब मुझे आठवीं के रिजल्ट के बाद बाद भविष्य के लिए नौवीं कक्षा में किस सब्जेक्ट कार चुनना है, यह तय करना था। लापरवाही के चलते मैं यह डिसाइड नहीं कर सका कि कौन-सी ब्रांच में एडमिशन लेना है। इसी बीच एडमिशन की डेट निकल जाने का पता चला तो मैं दौड़ा-दौड़ा स्कूल गया। अध्यापक से बात की तो उन्होंने कहा, तारीख निकल चुकी है। अब तुम्हारा एडमिशन नहीं हो सकता। मैंने स्कूल के प्रिंसिपल से अनुरोध किया तो वो भी बोले, तुम लेट हो गए। मैंने कहा, ठीक है। पर मैं पिताजी को क्या जवाब दूंगा ? मेरी तो हिम्मत भी नहीं होगी। मैं उन्हें भेजता हूं। आप ही उन्हें बता देना। यह सुनते ही प्रिंसिपल बोले, 'अरे, उन्हें मत भेजना।' मैं मायूस होकर घर पहुंचा तो पिताजी मेरा इंतजार ही कर रहे थे। उन्होंने पूछा एडमिशन हुआ क्या? मैंने कहा, प्रिंसिपल साहब से आप ही पूछ लीजिए। इस पर पिताजी मेरा हाथ पकड़कर स्कूल

Hindi kahani - फोन नम्बर किसी को नही देना

मैं शर्ट खरीदने के लिये एक प्रतिष्ठित शो रूम के लिए गाड़ी से जा रहा था कि फोन की घण्टी बज उठी, “सर, महावीर होटल से बोल रहे हैं, हमारे यहाँ गुजराती-फ़ूड-फेस्टिवल चल रहा है। पिछली बार भी आप आये थे। आप विजिटर बुक में अच्छे कमेंट्स देकर गए थे, सर!” “देखता हूँ”, कहकर मैंने फोन बंद कर दिया। गाड़ी, थोड़ी आगे चली ही होगी कि फिर से एक कॉल आया, “सर, आपके जूते घिस गए होंगे। नए ले लीजिए।" "कौन बोल रहे हो, भाई? आपको कैसे पता चला मेरे जूते घिस गए हैं?" "सर, मैं सुंदर फुटवियर से बोल रहा हूँ। हमारी दुकान से आपने डेढ़ साल पहले जूते खरीदे थे। हमारा कंप्यूटर बता रहा है आपके जूते फट रहे होंगे या फटने ही वाले होंगे!” "भैया, क्या ये जरुरी है कि मेरे पास एक जोड़ी जूते ही हों? वक़्त-बेवक्त इस तरह फोन करना कहाँ की सभ्यता है, मेरे भाई?", कह कर मैंने फिर फोन काट दिया। मैंने फोन काटा ही था कि घण्टी वापस घनघना उठी, “सर, आपकी गाड़ी की सर्विसिंग ड्यू हो गई है, छह महीने हो गए हैं।” "भाई, आपको क्यों परेशानी हो रही है? मेरी गाड़ी की मैं सर्विसिंग करवाऊँ या न करवाऊँ? मेरी मर्ज़ी। कोई प्राइवेसी